
नेपाल की राजनीति में एक बार फिर युवा तूफान उठ गया। मधेश प्रदेश के बारा जिले में बुधवार को वो हुआ जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की— Gen Z एक्टिविस्ट बनाम UML समर्थक… और फिर सीधा सड़क युद्ध!
UML के नेताओं शंकर पोखरेल और महेश बस्नेत के यूथ अवेकनिंग कैंपेन में आने की घोषणा से पहले ही Gen Z सोशल मीडिया पर “Protest Loading…” लिखकर आक्रोश दिखा रही थी।
सिमरा की सड़कों पर ‘Season 2’ शुरू!
करीब 100–150 Gen Z युवा सिमरा चौक पर इकठ्ठा हुए, और UML नेताओं के विरोध का बिगुल बजा दिया।
इसी बीच UML समर्थक एयरपोर्ट की दिशा से आ रहे थे— दोनों ग्रुप आमने-सामने… पहले नोकझोंक… फिर गालियाँ… और देखते-देखते हिंसा मोड ON!
Gen Z ग्रुप का आरोप— “UML वालों ने हमला किया, कई घायल हुए।” कई युवकों को तत्काल सिमरा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पुलिस की एंट्री—लाठीचार्ज + Tear Gas + Flight रोक दी गई!
स्थिति जब हाथ से निकलने लगी, तो कुछ युवा एयरपोर्ट की ओर बढ़ गए और गेट को क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस ने तुरंत एक्शन mode में आकर — लाठीचार्ज किया आंसू गैस के गोले दागे एयरपोर्ट का संचालन रोक दिया।
काठमांडू से आने वाले UML के केंद्रीय नेता ने डर के मारे अपना कार्यक्रम ही रद्द कर दिया। प्रशासन ने दोपहर 12:30 बजे से रात 8 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया, जिसमें 500 मीटर तक का त्रिभुवन हाईवे और पूरा एयरपोर्ट इलाका शामिल था।
कर्फ्यू लागू… लेकिन Gen Z बोली—‘Try Harder!’
कर्फ्यू लागू हुआ, लेकिन कई Gen Z युवाओं ने फिर सड़क जाम कर दी, टायर जलाए, और पुलिस पर UML का पक्ष लेने का आरोप लगाया।

युवाओं ने 7 UML कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन गिरफ्तारी शून्य रही—जिससे उनका गुस्सा और भड़क गया।
दूसरी ओर UML का दावा— “विरोध तो जानबूझकर किया गया था ताकि कार्यक्रम बिगड़े।”
उधर परवानीपुर में UML ने अपना शो जारी रखा— पार्टी का दावा— “3,000 लोग आए थे।”
कर्फ्यू अब और बढ़ा—शांत? बिलकुल नहीं। तनाव? 100%!
बारा जिला प्रशासन ने ऐलान किया— स्थिति अभी संवेदनशील है, इसलिए कर्फ्यू बढ़ा दिया गया। नेपाल में Gen Z बनाम UML की यह भिड़ंत यह संकेत देती है कि नेपाली राजनीति की नई लड़ाई सोशल मीडिया लड़ाकों बनाम पुराने राजनीतिक दिग्गजों की है—
और यह लड़ाई अब रुकने से रही!
Ayodhya: सुरक्षा और सुग्रीव पथ—ध्वजारोहण से पहले पूरा शहर VIP मोड में
